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जितिया 2024 कब है ?
जितिया 2024 व्रत इस साल 25 सितंबर, मंगलवार को रखा जाएगा. वैदिक पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 24 सितंबर को दोपहर 23:34 बजे से शुरू होकर 25 सितंबर को दोपहर 12:10 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के आधार पर यह व्रत 25 सितंबर, बुधवार को रखा जाएगा।
जितिया पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?
जितिया पूजा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:
जितिया व्रत मुहूर्त: सुबह 04:36 से 05:23 बजे तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त: सुबह 06:11 से 07:41 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 07:41 से 09:12 बजे तक
पारण समय: 26 सितंबर, गुरुवार को सूर्योदय के बाद
जितिया में किस भगवान की पूजा होती है?
जितिया व्रत में भगवान जिमूतवाहन की पूजा की जाती है। भगवान जिमूतवाहन एक पौराणिक पात्र हैं, जो एक गंधर्व राजा थे। उनकी कहानी महाभारत में वर्णित है, जिसमें उन्होंने अपने पुत्र की बलि देकर एक पिता के रूप में अपने कर्तव्य को पूरा किया था।
जितिया व्रत के दिन महिलाएं भगवान जिमूतवाहन की पूजा करती हैं और उनसे अपने पुत्रों की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं। पूजा के दौरान महिलाएं भगवान जिमूतवाहन को भोग लगाती हैं, आरती करती हैं और उनकी कथा सुनती हैं।
भगवान जिमूतवाहन की पूजा करने से महिलाओं को अपने पुत्रों के लिए आशीर्वाद मिलता है और उनके जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
जितिया व्रत कितने घंटे का है?
जितिया व्रत 24 से 36 घंटे तक का हो सकता है। यह व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और अगले दिन सूर्योदय तक चलता है। कुछ महिलाएं 24 घंटे का व्रत रखती हैं, जबकि कुछ महिलाएं 36 घंटे तक का व्रत रखती हैं।
24 घंटे का व्रत:
सूर्योदय से शुरू होता है और अगले दिन सूर्योदय तक चलता है।
36 घंटे का व्रत:
दो दिनों तक चलता है, सूर्योदय से शुरू होता है और दूसरे दिन सूर्योदय तक चलता है।
जितिया व्रत के दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और किसी भी प्रकार का भोजन या पानी नहीं लेती हैं। यह व्रत माताओं के लिए अपने पुत्रों की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए किया जाता है।
जितिया व्रत में क्या खाना चाहिए?
जितिया व्रत में अन्न नहीं खाया जाता है, लेकिन फलाहार किया जा सकता है। जितिया व्रत के दिन महिलाएं निम्नलिखित चीजें खा सकती हैं:
नारियल पानी
नींबू पानी
नारियल
साबुदाना
फल जैसे कि सेब, केला, अंगूर
दूध और दही
मठरी या फलाहारी सामग्री
जितिया व्रत के दिन महिलाओं को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि:
किसी भी प्रकार का अन्न नहीं खाना चाहिए।
किसी भी प्रकार का चावल नहीं खाना चाहिए।
किसी भी प्रकार का दाल नहीं खाना चाहिए।
किसी भी प्रकार का मांस नहीं खाना चाहिए।
किसी भी प्रकार का मदिरा नहीं पीना चाहिए।
किसी भी प्रकार का तंबाकू नहीं खाना चाहिए।
इन बातों का ध्यान रखकर आप जितिया व्रत को सफलतापूर्वक कर सकते हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना कर सकते हैं।
जितिया में नहाए खाए कब है?
जितिया में नहाए खाए का त्योहार जितिया व्रत के एक दिन बाद मनाया जाता है। यह त्योहार आश्विन माह में कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को पड़ता है, जो आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में पड़ता है।
जितिया व्रत के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अगले दिन सूर्योदय के बाद नहाए खाए का त्योहार मनाती हैं। इस दिन महिलाएं स्नान करती हैं, नए वस्त्र पहनती हैं और भोजन बनाती हैं।
नहाए खाए के दिन महिलाएं अपने परिवार के साथ मिलकर भोजन करती हैं और अपने पुत्रों को आशीर्वाद देती हैं। यह त्योहार माताओं और पुत्रों के बीच के प्यार और सम्बन्ध को मजबूत बनाने के लिए मनाया जाता है।
जितिया कितने बजे पारण है?
जितिया व्रत के पारण का समय 26 सितंबर, गुरुवार को सूर्योदय के बाद होगा। सूर्योदय 06:12 बजे होने वाला है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जा सकता है।
पारण के समय महिलाएं स्नान करें, साफ वस्त्र पहनें और पूजा करें। उसके बाद व्रत का पारण करें और भोजन करें।
जितिया व्रत के पारण के समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
सूर्योदय के बाद ही व्रत का पारण करें।
पारण से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
पारण से पहले पूजा करें और भगवान को भोग लगाएं।
पारण के समय परिवार के साथ मिलकर भोजन करें।
पारण के समय किसी गरीब या जरूरतमंद को दान करें।